जीएसटी पोर्टल पर इस महीने से शुरू हुए इनवॉइस मैनेजमेंट सिस्टम (आईएमएस) को लेकर व्यापारियों एवं जीएसटी करदाताओं को बहुत सारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। रिटर्न फाइल करने की प्रक्रिया करदाताओं के लिए बेहद कठिन और जटिल हो गई है। आईएमएस से जुड़ने
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वर्तमान में आईएमएस सिस्टम में 11 नवंबर के बाद के बिल भी दिख रहे हैं जिससे सही तरीके से टैक्स राशि की गणना नहीं हो पा रही है। कायदे से सिस्टम में कटऑफ डेट के बाद में फाइल किए हुए बिल नहीं दिखना चाहिए। इतना ही नहीं जीएसटीआर 2बी में भी कई तरह की समस्याएं आ रही हैं। जैसे सितंबर 2024 के बिल अक्टूबर 2024 की जीएसटीआर 2बी में दिखाई दे रहे हैं।
मप्र टैक्स लॉ बार एसोसिएशन के अध्यक्ष एडवोकेट अश्विन लखोटिया ने बताया कि जीएसटी भरने की आखिरी तारीख 20 नवंबर है और जीएसटीआर 2बी 14 नवंबर को जनरेट होता है। ऐसे में कुल मिलाकर रिटर्न भरने के लिए 6 दिन का समय मिलता है। आईएमएस में सभी महीने का डेटा होने से उसे अलग करने में लंबा समय लग रहा है। वहीं आईएमएस की एक्सेल शीट डाउनलोड होने में भी 20 मिनट लग रहे हैं।
इनपुट टैक्स क्रेडिट का हिसाब भी नहीं मिल रहा: एक समस्या उन करदाताओं के लिए है जो हर तीन माह में अपना रिटर्न भरते हैं। आईएमएस लागू होने के बाद से जीएसटीआर 2बी महीने के हिसाब से जनरेट नहीं हो रहा है। जबकि क्वार्टरली रिटर्न भरने वालों को जीएसटीआर 2बी फॉर्म क्वार्टरली ही जारी करने का नियम लागू किया है।
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