कई शहरों में गुरुवार सुबह कोहरा भी छाया रहा।
जनवरी में कड़ाके की ठंड के दूसरे दौर से पूरा मध्यप्रदेश कांप गया है। इस साल जनवरी में पहली बार इतनी तेज सर्दी पड़ रही है। प्रदेश के इकलौते हिल स्टेशन पचमढ़ी में पारा रिकॉर्ड 0.2 डिग्री पर पहुंच गया है। वहीं, भोपाल में 10 साल का रिकॉर्ड टूट चुका है। मंगल
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बर्फीली हवा चलने से प्रदेश के शहरों में दिन-रात कड़ाके की ठंड पड़ रही है। पिछली 2 रात से पारा काफी नीचे लुढ़का है। ऐसा ही दौर गुरुवार को भी बना रहेगा। मौसम विभाग के अनुसार, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, लद्दाख में बर्फ पिघल रही है। जिससे हवा की रफ्तार भी तेज हो गई है। बुधवार को जेट स्ट्रीम हवाओं की रफ्तार 268 किमी प्रतिघंटा रही।
जनवरी में 20 से 22 दिन शीतलहर मौसम विभाग के अनुसार, जनवरी में प्रदेश का मौसम ठंडा ही रहेगा। 20 से 22 दिन तक शीतलहर चलने का अनुमान है। जनवरी के पहले सप्ताह में भी कड़ाके की ठंड पड़ी थी। अब दूसरा दौर शुरू हुआ है।
अगले 4 दिन ऐसा रहेगा मौसम
- 9 जनवरी: नीमच, मंदसौर, निवाड़ी, छतरपुर, सतना, रीवा, मऊगंज, सीधी और सिंगरौली में कोल्ड डे रहेगा। वहीं, ग्वालियर, मुरैना, भिंड, शिवपुरी, दतिया, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर, सतना, रीवा, मऊगंज, सीधी, सिंगरौली, कटनी, उमरिया, शहडोल, डिंडौरी और अनूप पुर में कोहरा रहेगा।
- 10 जनवरी: गुना, अशोकनगर और श्योपुर में बूंदाबांदी हो सकती है।
- 11 जनवरी: ग्वालियर, श्योपुर, मुरैना, भिंड, दतिया, शिवपुरी, अशोकनगर, विदिशा, रायसेन, सागर, दमोह, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर, पन्ना, सतना, रीवा और मऊगंज में कहीं-कहीं बारिश होने का अनुमान है।
- 12 जनवरी: दमोह, पन्ना, सतना, रीवा, मऊगंज, सीधी और डिंडौरी में बारिश होने के आसार है।
एमपी के शहर रात के साथ दिन में भी ठंडे मंगलवार-बुधवार की रात इकलौते हिल स्टेशन पचमढ़ी में पारा 0.2 डिग्री पहुंच गया। एक ही रात में पचमढ़ी में पारा 6.8 डिग्री तक लुढ़क गया। वहीं, भोपाल में 3.6 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। पिछले 10 साल में यह जनवरी का सबसे कम तापमान है। इंदौर-ग्वालियर में 6-6 डिग्री, उज्जैन में 6 डिग्री और जबलपुर में तापमान 7 डिग्री रहा। प्रदेश का दूसरा सबसे ठंडा जिला राजगढ़ रहा। यहां तापमान 1.6 डिग्री रहा। मंडला, रायसेन, गुना, उमरिया, मलाजखंड, छिंदवाड़ा, धार, रतलाम में तापमान 6 डिग्री के नीचे ही रहा। सुबह प्रदेश के कई शहरों में मध्यम से घना कोहरा दर्ज किया गया। ग्वालियर-चंबल में दिनभर शीतलहर चली।
वहीं, दिन के तापमान में भी गिरावट आई है। दिन में रीवा सबसे ठंडा रहा। यहां पारा 19.5 डिग्री दर्ज किया गया। सीधी में 19.8 डिग्री, मलाजखंड में 20 डिग्री, जबलपुर में 21.2 डिग्री, रायसेन-उमरिया में 21.4 डिग्री, दमोह में 21.5 डिग्री, टीकमगढ़ में 21.8 डिग्री, पचमढ़ी, नौगांव-शिवपुरी में 22 डिग्री, खजुराहो में 22.2 डिग्री, भोपाल-नरसिंहपुर में 22.4 डिग्री, गुना में 23 डिग्री, बैतूल-धार में 23.2 डिग्री, ग्वालियर में 23.3 डिग्री, सागर में 23.7 डिग्री और इंदौर-उज्जैन में 24.5 डिग्री दर्ज किया गया।
नवंबर-दिसंबर में भी रिकॉर्ड तोड़ चुकी ठंड इस बार कड़ाके की ठंड पड़ रही है। नवंबर-दिसंबर में भी ठंड रिकॉर्ड तोड़ चुकी है। नवंबर की बात करें तो भोपाल में 36 साल का रिकॉर्ड टूटा है। इंदौर, उज्जैन, जबलपुर और ग्वालियर में भी पारा सामान्य से 7 डिग्री तक नीचे रहा। वहीं, दिसंबर में भी ठंड ने रिकॉर्ड तोड़ा। स्थिति यह रही कि पूरे प्रदेश में जनवरी से भी ठंडा दिसंबर रहा। भोपाल समेत कई शहरों में ठंड ने रिकॉर्ड तोड़ दिए। 9 दिन से शीतलहर चली। भोपाल में दिसंबर की सर्दी ने 58 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया। भोपाल, इंदौर, ग्वालियर समेत कई जिलों में स्कूलों की टाइमिंग बदल दी गई है, जबकि भोपाल के वन विहार नेशनल पार्क में जानवरों को सर्दी से बचाने के लिए हीटर लगाए गए। भगवान को भी ठंड से बचाने के लिए जतन किए गए।
MP के 5 बड़े शहरों में जनवरी में ऐसा रहा सर्दी का ट्रेंड…
भोपाल में 0.6 डिग्री पहुंच चुका टेम्प्रेचर भोपाल में जनवरी में कड़ाके की ठंड पड़ती है। वहीं, दिन में गर्मी का एहसास और बारिश का ट्रेंड भी है। 18 जनवरी 1935 को रात का टेम्प्रेचर रिकॉर्ड 0.6 डिग्री रहा था। वहीं, 26 जनवरी 2009 को दिन में तापमान 33 डिग्री दर्ज किया गया था। पिछले 10 में से 7 साल बारिश हो चुकी है। 24 घंटे में सबसे ज्यादा 2 इंच बारिश 6 जनवरी 2004 को हुई थी। सर्वाधिक मासिक 3.8 इंच बारिश जनवरी 1948 को हुई थी।
इंदौर में माइनस 1.1 डिग्री पहुंच चुका पारा इंदौर में जनवरी में सर्दी का रिकॉर्ड माइनस में पहुंच चुका है। 16 जनवरी 1935 में पारा माइनस 1.1 डिग्री दर्ज किया गया था। यह ओवर ऑल रिकॉर्ड है। वहीं, 27 जनवरी 1990 को दिन का तापमान 33.9 डिग्री रहा था। 24 घंटे में सर्वाधिक बारिश होने का रिकॉर्ड 6 जनवरी 1920 के नाम है। इस दिन 3 इंच से ज्यादा पानी गिरा था। वहीं, वर्ष 1920 में सर्वाधिक मासिक बारिश 4 इंच दर्ज की गई थी। इस बार भी कड़ाके की ठंड पड़ने का अलर्ट है। ऐसे में पिछले साल का टेम्प्रेचर का रिकॉर्ड टूट सकता है।
जबलपुर में 1946 को रिकॉर्ड 1.1 डिग्री रहा था पारा जबलपुर में भी जनवरी में ठंड-बारिश का ट्रेंड है। इस महीने सबसे ज्यादा ठंड पड़ती है। 7 जनवरी 1946 को रात का पारा रिकॉर्ड 1.1 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया था। वहीं, दिन का उच्चतम तापमान 33.4 डिग्री 7 जनवरी 1973 को रहा था। इस महीने बारिश भी होती है। 24 घंटे में सर्वाधिक बारिश होने का रिकॉर्ड 24 जनवरी 1919 को 2.5 इंच हुई थी। इसी साल पूरे महीने 8 इंच से ज्यादा पानी गिरा था। इस बार मावठा गिरने का अनुमान है।
उत्तरी हवा आने से ग्वालियर सबसे ठंडा उत्तरी हवाओं की वजह से प्रदेश का ग्वालियर-चंबल सबसे ठंडा रहता है। जनवरी में यहां कड़ाके की ठंड का ट्रेंड है। पिछले 10 साल का रिकॉर्ड देखे तो 2018 में तापमान 1.9 डिग्री और 2019 में 2.4 डिग्री दर्ज किया गया था। 24 जनवरी 1954 को रात का तापमान माइनस 1.1 डिग्री रहा था। ग्वालियर में जनवरी में बारिश भी होती है। साल 2014 से 2024 के बीच 9 साल बारिश हो चुकी है। 24 घंटे में सर्वाधिक बारिश का रिकॉर्ड 8 जनवरी 1926 को है। इस दिन 2.1 इंच पानी गिरा था। वहीं, 1948 को कुल मासिक बारिश 3.1 इंच हुई थी।
उज्जैन में जीरो डिग्री रह चुका पारा उज्जैन में भी उत्तरी हवा का असर रहता है। इस वजह से यहां कड़ाके की ठंड पड़ती है। 22 जनवरी 1962 को पारा 0 डिग्री सेल्सियस रहा था। पिछले 10 साल में टेम्प्रेचर 2 से 5.8 डिग्री तक रह चुका है। 24 घंटे में सर्वाधिक बारिश होने का रिकॉर्ड 11 जनवरी 1987 के नाम है। इस दिन सवा इंच पानी गिरा था। वहीं, सर्वाधिक कुल मासिक 2.2 इंच 1994 को हुई थी।
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